उज्जैन/इंदाैर. गर्मी में भगवान महाकाल को ठंडक मिलती रहे, इसलिए वैशाख कृष्ण प्रतिपदा बुधवार को तड़के 4 बजे भस्मारती में पंडे-पुजारियों ने गर्भगृह के अंदर मुख्य शिवलिंग के ऊपर मिट्टी की 11 मटकियां बांधकर सतत जलधारा प्रवाहमान की।
महाकाल मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि शिवलिंग पर यूं तो वर्षभर ही चांदी के एक कलश से जलधारा प्रवाहमान की जाती है। वैशाख व ज्येष्ठ मास में भीषण गर्मी पड़ती है। इन दिनों में भगवान को ठंडक प्रदान करने के लिए अलग से 11 मटकियों से एक साथ एकादश जलधाराएं प्रवाहमान की जाती हं।
महाकाल मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि शिवलिंग पर यूं तो वर्षभर ही चांदी के एक कलश से जलधारा प्रवाहमान की जाती है। वैशाख व ज्येष्ठ मास में भीषण गर्मी पड़ती है। इन दिनों में भगवान को ठंडक प्रदान करने के लिए अलग से 11 मटकियों से एक साथ एकादश जलधाराएं प्रवाहमान की जाती हं।